घोटाले से पहले स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र में कार्वी बड़ी कंपनी थी. ब्रोकिंग कंपनी ने अपने ग्राहकों के बिना बताए फाइनेंस कंपनियों को शेयर गिरवी रखकर कर्ज उठा लिया. कंपनी ने सितंबर 2016 में 789.41 करोड़ रुपए का कर्ज लिया. कर्ज की यह रकम लगातार बढ़ती चली गई.